नीमच में गोधरा ट्रेन अग्निकांड की पूरी कहानी, साबरमती एक्सप्रेस में किसने लगाई आग?, सर्व हिन्दू समाज समरसता मंच ने परिवार सहित देखी मूवी, । @ R_MADHYA_PRADESH

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नीमच।महेंद्र उपाध्याय।सर्व समाज सामाजिक समरसता के भाव से नीमच हिन्दू समाज के सनातनी भाई बहनों का परिवार सहित दि. 24 अक्टूबर रविवार को अपरान्ह 3:30 बजे सनातन संस्कृति और राष्ट्र हित में स्नेह मिलन समारोह का आयोजन हुआ

इस समागम के अवसर पर कालातीत में घटी विधर्मियों के षड्यंत्र की सच्चाई को प्रस्तुत करने वाली मूवी द साबरमती एक्स्प्रेस (गोधरा नर संहार) का प्रदर्शन सर्व हिन्दू समाज ने परिवार सहित देखा और वर्ष 2002 गोधरा कांड में हुए 59 कार सेवको की हत्या के रहस्य को जाना।उक्त संदर्भ में सर्वसमाज समरसता मंच के सदस्य शैलेश जोशी ने सागर मंथन को जानकारी देते हुवे बताया कि 27 फरवरी 2002 को गोधरा कांड में मासूम और निअपराध कार सेवकों महिलाओं व बच्चों की बर्बरता पूर्वक हत्या कर दी गई उक्त घटना की सच्चाई को प्रदर्शित करती द साबरमती एक्सप्रेस का प्रदर्शन आज सर्व हिंदू समाज ने फिल्म के माध्यम से देखा फ़िल्म में प्रदर्शित सत्य घटना मैं देखा कि किस प्रकार से सुनियोजित तरीके से गोधरा कांड को अंजाम दिया गया और केवल अयोध्या से महायज्ञ कर लौट रही 59 कारसेवकों की बोगी को टारगेट कर महिलाओं व बच्चो की निर्मम हत्या करदी गई ओर तत्कालीन कथा कथित मीडिया द्वरा उक्त हत्या कांड को घटना का रूप देकर पदर्शित करते हुए समाज के सामने सच्चाई को आने से रोका गया।यही नही करीब 5 साल बाद फिर उस घटना से पर्दा उठाने व सच्चाई को समाज के सामने मीडिया द्वरा फ़िल्म के माद्ययम से लाया गया जिसमे बताया गया कि उक्त हत्या कांड को अंजाम देने विधर्मियो द्वरा सुनियोजित तरीके से रात्रि में ही पेट्रोल एकत्रित किया गया और दो अलग अलग कहानियां बनाई गई जिसमे युवती के साथ छेड़छाड़ ओर चाय वाले का यात्री के साथ विवाद बताया गया।

इस प्रकार 4 घंटे लेट गोधरा पहुचे 59 कार सेवको महिलाओं और बच्चो को जिंदा जलाकर नरसंहार किया गया। ऐसी घटना को लेकर समाज और मीडिया का दायित्व होता है कि सत्य घटना को समाज के सामने लाए उस समय के कथा कथित मीडिया ने सच्चाई को सामने लाने की बजाय उक्त हत्याकांड को घटना के रूप में परिवर्तित कर दिखाने का षड्यंत्र किया यह हिंदू सनातन का दुर्भाग्य है कि 59 कार सेवक जिंदा जला दिए गए जिसमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे उनका सच आज तक समाज के सामने नहीं आ पाया। इस फिल्म के माध्यम से वर्ष 2002 में हुए इस हत्याकांड की सच्चाई को समाज के सामने लाया गया है आज सर्व समाज के लोगों ने परिवार सहित उक्त फिल्म के प्रदर्शन को देखा है इस आयोजन के पीछे यही उद्देश्य था कि हमारे समाज को गोधरा कांड की सत्यता का पता चले।

इस अवसर को यादगार बनाने के लिए विभिन्न समाज के 60 से अधिक समाज प्रमुख अपने परिवार सहित उपस्थित हुए।उक्त आयोजन के दौरान बालकृष्ण सोलंकी,विमल घेंघट, चतरसिंह गेहलोत,चंपालाल गुजर,अर्जुन सिकलीगर,राजेश बैरागी,नागेश जावेरिया,नवीन खारोल, पप्पूलाल नायक,नवीन गट्टानी,एड दिलीप शर्मा,श्यामलाल परमार,हिम्मतसिंह चंद्रावत,दशरथ माली,भगत मांगरिया,राजेंद्र गौड़,महेश लक्षकार,चेनसिंह राजपूत सहित अन्य समाज प्रमुख मोजूद रहे।

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