“प्रधानमंत्री मोदी ने केन-बेतवा नदियों को जोड़ने की परियोजना का शिलान्यास किया, ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सोलर प्लांट का उद्घाटन”

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन और बेतवा के जल का संगम कराया और दोनों नदियों को लिंक करने की परियोजना का शिलान्यास किया। इसके साथ ही उन्होंने ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का लोकार्पण किया। 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमिपूजन भी किया।

बुंदेलखंडी बोली से भाषण की शुरुआत।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में बुंदेलखंडी बोली में किया, उन्होंने कहा- वीरों की धरती बुंदेलखंड में रहबे वाले, सबई जनन को हमारी तरफ से हाथ जोड़कर राम-राम पहुंचे। सीएम मोहन यादव की सरकार का एक साल पूरा हो गया है। इस एक साल में एमपी में विकास को एक नई गति मिली है। यहां आज हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजना की शुरुआत हुई है।

सुशासन पर लोगों को भरोसा है ।
पीएम ने कहा हमारे लिए सुशासन दिवस केवल एक दिन का कार्यक्रम नहीं है। यह भाजपा सरकारों की पहुंचान है। देश की जनता ने तीसरी बार केंद्र में भाजपा की सरकार बनाई। एमपी में आप सभी लगातार भाजपा को चुन रहे हैं। इसलिए क्योंकि सुशासन का भरोसा ही सबसे प्रबल है।

हमारी सरकार ने विकास में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए
पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं विद्वानों से आग्रह करुंगा कि देश की आजादी से अब तक किसकी सरकार ने क्या काम किया। मैं दावे से कहता हूं, देश में जब-जब भाजपा को जहां-जहां भी सेवा करने का मौका मिला है, हमने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़कर जनहित के कार्यों में सफलता पाई है।

आजादी के बाद सबसे पहले नदी जल का महत्व बाबा साहब आंबेडकर ने समझा
पीएम ने कहा भारत के लिए नदी जल का महत्व सबसे पहले डॉ. भीमराव आंबेडकर ने समझा। भारत में जो नदी घाटी परियोजनाएं बनीं, इसके पीछे उन्हीं का विजन था। लेकिन कांग्रेस की सरकार ने उनके इस योगदान के लिए किसी को पता नहीं चलने दिया।

उन्होंने कहा कि कई राज्यों के बीच नदी जल को लेकर विवाद चल रहा है। जिस समय कांग्रेस की सकरार थी वो इस विवाद को सुलझा सकती थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अटलजी की सरकार ने पानी से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए प्रयास किया, लेकिन उनकी सरकार जाते ही कांग्रेस ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य है, जहां नदियों को जोड़ने की दो परियोजनाएं चल रही हैं। 21वीं सदी में वहीं देश आगे बढ़ पाएगा जिसके पास पर्याप्त जल होगा। पानी होगा तभी खेत-खलिहान होंगे। पानी होगा तभी उद्योग-धंधे होंगे।

 

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