इंदौर में गिरफ्तार ऑनलाइन सट्टा गेंग, डेली इनकम 5-7 रुपए, पढ़े खबर

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इंदौर क्राइम ब्रांच ने ऑनलाइन सट्‌टा खिलाने वाली मंदसौर की गैंग के जिन 8 लोगों को गिरफ्तार किया है उनसे कई बातें सामने आने लगी है। पूछताछ में सामने आया है कि यह 25 से 50 रुपए महीने में काम कर रहे थे।

इसमें मास्टर माइंड की सैलेरी 50 हजार रुपए थी, जबकि बाकि काम करने वालों की 25 हजार रुपए थी। सभी आरोपी बीते करीब एक साल से यह काम कर रहे थे।

इनके पास से 29 मोबाइल, 6 लैपटॉप, 13 चेकबुक-पासबुक और करोड़ों का हिसाब-किताब मिला है। क्राइम ब्रांच ने मानवता नगर के एक मकान में दबिश दी थी।

गैंग का मास्टर माइंड है परीक्षित

एडी.डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम ने इंदौर में मंदसौर के रहने वाले परिक्षीत लोहार (26), रोशल लालवानी(20), विजय विश्वकर्मा (22), अभिषेक यादव (26), रुचित सिंह (25), राजेश कोतक (19), प्रफुल्ल सोनी (29), महेंद्र सिंह (28) को गिरफ्तार किया है। इसमें परीक्षित गैंग का मास्टर माइंड है।

टेलीग्राम के माध्यम से जुड़े

दंडोतिया ने बताया कि आरोपी पिछले करीब एक साल से ये काम कर रहे है। वे टेलीग्राम के माध्यम से इससे जुड़े है। वे इनके ऊपर वालों को भी नहीं जानते है। वॉट्सऐप के माध्यम से उनसे बात होती है। जैसे ही अकाउंट में पैसा आता है, एक लाख रुपए होने वे उस पैसे को ऊपर दूसरों को ट्रांसफर कर देते है।

5 से 7 लाख रुपए रोज की कमाई
एडी.डीसीपी ​​​​​दंडोतिया ने बताया कि बदमाशों से पूछताछ में सामने आया कि आरोपी वेबसाइट रॉक एक्सचेंज के अलग-अलग साईटो रॉक7.आर्ट, अग.रॉकिंप्ले. कॉम, एडमिन.रॉकबुक9.कॉम, अग.रॉकेक्च111.कॉम, रॉकेक्च9.कॉम के माध्यम से लाईन (हार-जीत) के साथ सट्टा संचालित करते है। इसके माध्यम से वे रोज के 5 से 7 लाख रुपए कमाई करते थे। अब तक वे करोड़ों रुपए का काम कर चुके है। जिन अकाउंट्स की जानकारी हमें मिली है, उसकी भी जांच करवाई जा रही है।

50 हजार रुपए में काम
उन्होंने बताया कि 8 आरोपी पिछले करीब एक साल से काम कर रहे है। मास्टर माइंड परीक्षित को इस काम के 50 हजार रुपए महीना मिलता है, जबकि उसके अन्य साथियों को 25 हजार रुपए महीना मिलता है। मोबाइल के वॉट्सऐप में दुबई मनी एक्सचेंज के नाम से वॉट्सऐप ग्रुप मिला है, जिसमें बाहर के नंबर है। इसकी भी जांच कराई जा रही है।

बे ग्राउंड भी खंगाल रही टीम
पकड़ाई गैंग के लोगों का पुराना रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। इसके पहले आरोपी क्या करते थे। उनके अपराधों की भी जानकारी निकाली जा रही है। आरोपियों का पीआर लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है, ताकि इसमें आगे की जानकारी मिल सके।

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